क्वारंटाइन क्या होता है? लोग क्वारंटाइन होने से क्यों डर रहे हैं?
क्वारंटाइन क्या होता है? क्वारंटाइन सेंटर किन जगहों को बनाया गया है और लोग क्वारंटाइन होने के नाम से क्यों घबराते हैं? आइये जानते है इन सवालों के जवाब।
कोरोना वायरस एक संक्रामक रोग है जो एक मनुष्य को किसी दूसरे संक्रमित मनुष्य के सम्पर्क में आने से फैलता है, इसे आम बोलचाल की भाषा में छुआछूत की बीमारी भी बोल सकते हैं। लेकिन यह कोई आम छुआछूत की बीमारी नहीं है, जो मनुष्य द्वारा मनुष्य को छुने से फैलती है, बल्कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल में लिए गए वस्तु के सम्पर्क में आने से भी यह दूसरों को संक्रमित कर देता है। इसके अलावा, संक्रमित व्यक्ति द्वारा खांसने, थूकने, मल-मूत्र और साँस आदि के द्वारा भी यह दूसरों को संक्रमित कर सकता है। यही कारण है कि इतने प्रतिबंधों के बावजूद कोरोना वायरस काबू में नहीं आ पा रहा है और इतनी तेजी से फैलता जा रहा है।
› कोरोना वायरस की तेज रफ्तार
इसके फैलने की रफ्तार का अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि, चीन में एक महिला से शुरू होकर इस वायरस ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है। आज 30 लाख से भी अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं और दो लाख से भी अधिक लोग अपनी जान से हाथ धो चुके हैं। जयपुर के रामगंज इलाके में सूडान से आए एक मात्र व्यक्ति से थोड़े ही समय में, 500 से भी अधिक लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि की जा चुकी है। वायरस के इस ख़तरनाक संक्रामक प्रवृति के कारण ही इससे बचने के लिए, लोगों को अलग-थलग रखने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है, जिसके अंतर्गत सम्पूर्ण लॉकडाउन, सामाजिक दूरी, आइसोलेशन, क्वारंटाइन आदि की प्रक्रिया अपनाई गई है।
› क्वारंटाइन का अर्थ
“क्वारंटाइन” एक अंग्रेज़ी शब्द है जिसका अर्थ होता है, लोगों को अलग-थलग रखना। यह प्रक्रिया, लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए अपनाई जा रही है, लेकिन क्वारंटाइन होने के नाम से ही लोग भयभीत हो जाते हैं। सरकार को क्वारंटाइन सेंटर्स में लोगों को रोकने में मुस्किले आ रही हैं।। कई जगह से लोगों के भागने की खबरें आई हैं, तो, कुछ लोगों ने क्वारंटाइन सेंटर्स से कूदकर अपनी जान ही दे दी है। ऐसे में इस चुनौती से निपटने के लिए लोगों के मन से क्वारंटाइन सेंटर्स के भय को दूर करने की जरूरत है।
› क्वारंटाइन सेंटर क्या होता है?
किसी भी स्थान या इमारत को एक क्वारंटाइन सेंटर में बदला जा सकता है जहां कोविड -19 रोगियों को उचित देखभाल, निरंतर निगरानी और उपचार के साथ रखा जाता है। क्वारंटाइन सेंटर किसी भी आबादी वाले क्षेत्र से दूर शहर / कस्बे के बाहरी इलाके में स्थित होते हैं।
होटल, स्वास्थ्य अवसंरचना, इमारतें, स्कूल आदि, जो शहर के बाहरी इलाके में स्थित हैं या स्थानीय लोगों की पहुंच से दूर हैं, कोरोना वायरस क्वारंटाइन सेंटर में बदले गए हैं।
› क्वारंटाइन सेंटर की सुविधाएं
हर क्वारंटाइन सेंटर सरकार द्वारा जारी विभिन्न दिशानिर्देशों का पालन करते हैं जो इस प्रकार हैं:
- उचित प्रकाश, बिजली, वेंटिलेशन और पानी की सुविधा होनी चाहिए।
- किसी भी बाहरी इंसान या अपने परिवार से संपर्क करने के लिए उचित फोन सेवा।
- उचित सैनिटेशन और सफाई के साथ कपड़े धोने की सुविधा।
- पुस्तकें और टेलीविजन जैसी मनोरंजक गतिविधिओं के साथ पर्याप्त भोजन और स्नैक्स।
और, वे सभी सुविधाएँ जो एक व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है, क्वारंटाइन सेंटर में उपलब्ध है। सरकार द्वारा जारी क्वारंटाइन सेंटर्स के लिए पूरे दिशानिर्देश जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
› क्वारंटाइन सेंटर्स के भय को दूर करने के उपाय
क्वारंटाइन सेंटर्स के भय को दूर करने के लिए, सबसे पहले लोगों को इसके बारे में जागरूक करने की जरूरत है। क्वारंटाइन सेंटर्स क्या है ? यहां रहना लोगों के लिए क्यों जरूरी है ? इसके क्या फायदे हैं ? इत्यादि।
- क्वारंटाइन सेंटर्स में लोगों के, रहने एवं खाने-पीने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। सफाई एवं मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। कई लोगों ने क्वारंटाइन सेंटर्स से भागने की वजह, खाने-पीने की उचित व्यवस्था का ना होना बताया है।
- लोगों को बताया जाना चाहिए कि, कोरोना संक्रमण के संभावित खतरे को देखते हुए एवं उनके परिजनों को संक्रमण से बचाने के लिए ही उन्हें क्वारंटाइन सेंटर्स में रखा गया है, इसकी कोई और दूसरी वजह नहीं है।
- लोगों को उनके खुद के घर पर भी क्वारंटाइन किया जा सकता है लेकिन ऐसी स्तिथि में यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि वहां क्वारंटाइन से संबंधित सुविधाऐं उपलब्ध हैं।

