जाने क्या है कोरोना वायरस का रहस्य
कोरोना वायरस से संक्रमित पहले मनुष्य का पता दुनिया को जनवरी के प्रारम्भ में ही चल गया था, लेकिन अपने पांचवे महीने में भी, यह एक रहस्य ही बना हुआ है, और तो और, अब यह, नित, नए नए रूप धारण कर लोगों को और भी डरा रहा है। पूरे विश्व में अभूतपूर्व लॉकडाउन के बावजूद, कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है।
आज पूरे विश्व में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या तीस लाख से अधिक हो चुकी है और दो लाख से भी अधिक लोगों की अबतक इसने जान ले ली है। अकेले अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या दस लाख को पार कर चुकी है और पचास हजार से भी अधिक लोगों की अबतक इस वायरस से मौत हो चुकी है। यही हाल अन्य देशों का भी है।
इस संक्रमण को फैलने से रोकने की तमाम कोशिशें अब तक नाकाम ही रहीं हैं। आज विश्व के तमाम देश इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए, सम्पूर्ण लॉकडाउन का सहारा ले रहे हैं, क्योंकि इसे रोकने के लिए ना तो कोई टीका विकसित किया जा सका है और ना ही कोई सटीक इलाज उपलब्ध है।
› कैसे हुआ कोरोना वायरस का जन्म
कोरोना वायरस अबतक दो लाख से अधिक लोगों की जान ले चुका है, लेकिन इसकी उत्पत्ति कैसे हुई, यह अभी भी रहस्य ही है। कोरोना वायरस की उत्पत्ति के बारे में, जो बातें दुनिया जानती है, उसके अनुसार कोरोना वायरस वुहान प्रांत के हुबेई पशु बाज़ार में मृत पशु से शुरू होकर पूरी दुनिया में फैल गया। चमगादरों से भी इस वायरस के फैलने की काफी चर्चा रही है, लेकिन किस जीव या जानवर से यह वायरस मनुष्यों में फैला, यह अभी तक रहस्य ही है। यह वायरस किस जीव या जानवर से मनुष्यों में फैला, यह जानना, इस बीमारी की रोकथाम के लिए भी एक अहम सवाल है, लेकिन, इस रहस्य से पर्दा उठाने की तमाम कोशिशों के बावजूद,अब तक इसमें कोई सफलता नहीं मिल पाई है।
यह कहना कि, कोरोना वायरस का मनुष्य में संक्रमण, वुहान पशु बाज़ार से, किसी पशु के संपर्क में आने से हुई, अभी तक प्रमाणिक नहीं है, और अब तो इसकी कोई संभावना भी प्रतीत नहीं होती, क्योंकि, कोरोना वायरस का मामला सामने आने के साथ ही, चीनी सरकार द्वारा, इस पशु बाज़ार की पूरी तरह सफाई करवा दी गई थी। जानकारों का मानना है कि, इस तरह के वायरस पशुओं में आमतौर पर पाए जाते हैं।
› क्या चमगादड़ों से मनुष्य में फैला कोरोना
इस बात की भी काफी चर्चा है कि, क्या मनुष्य में कोरोना वायरस के फैलने की वजह चमगादड़ हैं ? चमगादड़ों से मनुष्य में कोरोना वायरस के फैलने का अभी कोई प्रमाण नहीं मिला है तथा इसकी संभावना भी अत्यंत कम ही है। हाल ही में भारत के सात राज्यों में चमगादड़ों की विभिन्न प्रजातियों में कोरोना वायरस की उपस्थिति की जांच की गई थी, जांच रिपोर्ट के अनुसार, चमगादड़ों में कोरोना वायरस की उपस्थिति की पुष्टि की गई है, लेकिन जो कोरोना वायरस इन चमगादड़ों में पाया जाता है उसे कोरोना वायरस (बैट) कहा जाता है और इसे मनुष्यों में कोरोना वायरस (कोवीड-19) फैलाने के लिए जिम्मेवार नहीं माना गया। लेकिन चमगादड़ों से, किसी पशु द्वारा इसके मनुष्यों में फैलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता, पूर्व में भी कई संक्रामक बिमारियों के मामले में यह बात सामने आ चुकी है (सार्स 2002, आदि)।
पैंगोलिन इसका एक संभावित वाहक हो सकता है (जिसे आप ऊपर लगी तस्वीर में देख सकते हैं), जो कि यूं तो एक संरक्षित श्रेणी का जीव है, किन्तु मांस और खाल के लिए, इसका विश्व में सर्वाधिक अवैध व्यापार किया जाता है। वैसे वुहान पशु बाज़ार में बेचे जाने वाले जीवों की सूची में पैंगोलिन सूचिबद्ध नहीं पाया गया, लेकिन अवैध व्यापार होने के कारण, इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी कि यह पैंगोलिन से ही फैला है या मनुष्यों के अंदर ही विकसित हुआ है, या इन दोनों में से किसी के अंदर डाला गया है।
› कब शुरू हुआ कोरोना वायरस
कोरोना वायरस से फैलने वाली बीमारी कोविड-19 ने, वर्ष 2020 के आरम्भ से ही चीन में अपना पैर पसारना शुरू कर दिया था। आरंभ में ऐसा माना जा रहा था कि, वुहान पशु बाज़ार का दौरा करने वाले लोग ही इस वायरस से प्रभावित हो रहे हैं। और यह मनुष्य से मनुष्य में नहीं फैलता है, लेकिन शीघ्र ही यह भ्रांति दूर हो गई, जब थाईलैंड में, चीन का दौरा कर वापिस लौटे व्यक्ति में इस बीमारी के लक्षण पाए गए, जो वुहान पशु बाज़ार कभी नहीं गया था। इस वायरस के संक्रामक होने की बात भी तभी पहली बार दुनिया के सामने आई, यानि यह पता चला कि, यह बीमारी मनुष्य से मनुष्य में भी फैल सकता है।
› क्या चीन कुछ छुपा रहा है
कोरोना वायरस के संबंध में, जो बातें अलग अलग माध्यमों से बाहर आ रही हैं, वो कुछ और ही कहानी बयां करती है। चीन से आई खबरों के मुताबिक, चीन को इस बीमारी के संक्रमण के बारे में पहले ही पता चल चुका था, लेकिन वह इसे दुनिया के सामने नहीं लाना चाहता था। यही कारण था कि, जब कुछ डॉक्टरों ने इस बीमारी के बारे में बताना चाहा तो, उसे दबा दिया गया और अफ़वाह फैलाने का आरोप लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। इनमें से कुछ डॉक्टरों का तो अबतक कोई पता नहीं चल पाया है और कुछ की तो मौत ही हो चुकी है। खबर तो यहां तक है कि, इसे चीन द्वारा जैविक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया है, जो किसी प्रशिक्षु वैज्ञानिक द्वारा भूलवश लिक हो गया, और पूरी दुनिया में इतने सारे लोगों की मौत का कारण बना। सच्चाई क्या है, इसका पता लगाने में दुनिया के तमाम बड़े और शक्तिशाली देश अपने अपने तरीके से लगे हुए हैं, लेकिन यह तय है कि, यदि इसमें चीन की साजिश का पता चलता है, तो इसके परिणाम अत्यंत भयंकर हो सकते हैं।
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