भूकंप क्यों आता है और इससे बचाव के तरीके
दुनिया के किसी ना किसी हिस्से में हर एक दिन प्रत्येक घंटे भूकंप के झटके आते रहते हैं, लेकिन अधिकांश भूकंप के झटके काफी कम तीव्रता के होते हैं इसलिए हमें महसूस नहीं होते। अधिक तीव्रता वाले भूकंप, जिसमें जान- माल के नुकसान की अधिक संभावना रहती है, ऐसे भूकंप सौ साल में एक, दो बार ही आते हैं। पिछले कुछ महीनों से विश्व के अनेक देशों में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं, जो अधिकांशतः कम तीव्रता के थे और इससे किसी जान माल के नुकसान की खबर नहीं है लेकिन लगातार महसूस किए जाने वाले भूकंप के झटकों ने लोगों के मन में भय व्याप्त कर दिया है और अधिक तीव्रता वाले भूकंप की आशंका ने लोगों के मन में घर कर लिया है। पिछले दो महीनों में विभिन्न देशों में कुल मिलाकर लगभग 6000 भूकंप के झटके महसूस किये गए हैं। इस लेख में हम जानेंगे की भूकंप क्यों आता है, भूकंप से बचाव के तरीके, और भूकंप से जुड़ी कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें।
भूकंप क्या है?
भूकंप या भूचाल जो कि अपने नाम से ही स्पष्ट है, भूमि या धरती के कंपन को कहा जाता है। भूकंप के कारण कई बार जमीन फटने तथा सुनामी की घटनाएं भी देखी गई है। भूकंप का प्रभाव उसकी तीव्रता पर निर्भर करता है। भूकंप की तीव्रता, भूकंप के उदगम स्थल (एपिसेंटर) से धरती की सतह की दूरी पर निर्भर करता है, यह दूरी जितनी अधिक होती है, भूकंप की तीव्रता भी उतनी ही कम होती है और नुकसान होने की संभावनाएं भी उतनी ही कम हो जाती है।
भूकंप की विनाशकारी तीव्रता
भूकंप की तीव्रता का माप जिस यंत्र से किया जाता है, उसे सिस्मोग्राफ (Seismograph) कहा जाता है। इसे रिकटर पैमाने पर मापा जाता है। रिकटर पैमाने पर 5 तीव्रता तक का भूकंप कम नुकसानदायक माना जाता है, जबकि 7 या अधिक तीव्रता का भूकंप अत्यंत विनाशकारी होता है।
अत्यधिक तीव्रता वाले भूकंप से जान माल के काफी नुकसान की आशंकाएं रहती है। भूकंप के कारण इमारतों, पुल, बांध, बिजली के खंभे, परमाणु रिएकटरों आदि को होने वाली क्षति, अत्यधिक विनाशकारी साबित हो सकती है। इसके अलावा पहाड़ों और ग्लेशियरों में भूकंप के पश्चात आने वाले भूस्खलन तथा समुद्र के भीतर आने वाले भूकंप से उत्पन्न सुनामी से भी जानमाल को काफी नुकसान हो सकता है।
भूकंप क्यों आता है?
भूगर्भ में मौजूद टेक्टॉनिक प्लेट्स (Tectonic Plates) धीमी गति से घूमते रहते हैं, जो ज्वाइंट्स पर तनाव के चलते अक्सर आपस में टकरा जाते हैं, जिससे इनमें घर्षण होता है, जिसके फलस्वरूप भूगर्भ से ऊर्जा उत्सर्जित होती है, जिसे भूकंपीय ऊर्जा भी कहा जाता है। इस प्रकार की ऊर्जा ज्वालामुखी फटने, परमाणु विस्फोट आदि के कारण भी उत्पन्न हो सकता है, अर्थात भूकंप प्राकृतिक कारणों के अलावा मानवीय कारणों से भी आ सकता है।
क्या भूकंप का पूर्वानुमान संभव है?
अधिकांश भूकंप के झटके टेक्टॉनिक प्लेट्स (Tectonic Plates) की सीमाओं (boundary) के आस पास महसूस किए जाते हैं, लेकिन भूवैज्ञानिकों द्वारा अभी तक इस बात का अनुमान लगाना संभव नहीं हो पाया है कि भूकंप कब आयेगा और कहां आयेगा। अतः भूकंप संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भूकंप के संभावित खतरों के मद्देनजर हमेशा जागरूक रहने की जरूरत है।
भूकंप से बचने के लिए उपाय
1.भूकंप संभावित क्षेत्रों में अनिवार्य रूप से भूकंप रोधी इमारतों या ढांचे का ही निर्माण किया जाना चाहिए। साथ ही घर की सजावट इस तरह से की जानी चाहिए कि भूकंप आने पर कम से कम नुकसान की संभावना हो, इसके लिए अधिक भार वाली वस्तुओं को नीचे तथा हल्के वस्तुओं को ऊपर की तरफ रख सकते हैं। जहां तक संभव हो, चीजों को स्थाई रूप से फ़िक्स किया जा सकता है ताकि हिलने पर वे ना गिरे।
2. भूकंप आने पर किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इससे संबंधित प्रशिक्षण।
3. भूकंप आने पर घर की बिजली, गैस सिलेंडर या इसी तरह के अन्य उपकरणों को शीघ्रता शीघ्र बंद किया जा सके इस तरह की व्यवस्था।
4. भूकंप किट तैयार करना जिसमें परिवार के तमाम सदस्यों की जरूरत का ध्यान रखा जाना चाहिए, यदि आपने कोई पालतू पशु या पक्षी रखा है तो किट तैयार करते समय उसका भी ध्यान रखें, ताकि भूकंप के बाद की स्थितियों से तत्परता से निपटा जा सके।
निष्कर्ष
इस लेख में हमने भूकंप से जुड़े सभी प्रमुख पहलुओं पर चर्चा की। हम सभी जानते हैं कि उच्च तीव्रता का भूकंप लोगों को भारी नुकसान पहुंचा सकता है, और क्षेत्र में सब कुछ नष्ट कर देता है। इस प्रकार सभी के लिए भूकंप के बारे में विस्तार से जानना बहुत जरूरी है जैसे, भूकंप कैसे आता है, भूकंप क्यों आता है, भूकंप से बचाव के तरीके और भूकंप के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।