भारत में कोरोना वायरस की कहानी
जैसा की आप सभी जानते हैं, कोरोना वायरस ने आज पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है, दुनिया का शायद ही कोई देश होगा जो कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षित है। लेकिन, शुरूआत में ऐसी स्थिति नहीं थी। किसी ने यह कल्पना भी नहीं की होगी कि यह चीनी वायरस, इस तरह से तमाम देश इसे चीन की समस्या मानकर निश्चिन्त थे। लेकिन जब कुछ समय बाद, कोरोना वायरस ने चीन के बाहर भी अपना पैर पसारना शुरू कर दिया तो अन्य देशों की भी चिंताएं बढ़नी शुरू हो गई। कई देशों ने तत्काल चीन से अपनी हवाई सेवाओं पर रोक लगा दी, लेकिन सभी देशों ने इतनी तत्परता नहीं दिखाई, इसका परिणाम यह हुआ कि, दूसरे देशों से होकर चीन से आवाजाही होती रही और कोरोना वायरस तमाम विश्व में फैलता रहा।
› भारत में कोरोना वायरस की दस्तक
भारत सरकार ने भी चीन से अपनी हवाई सेवा जनवरी के शुरुआत में ही स्थगित कर दी थी, लेकिन अन्य देशों की तरह, हमारे देश की सरकार भी कोरोना वायरस को भारत में प्रवेश करने से रोकने में असफल रही। भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी 2020 को प्रकाश में आया, जब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा यह घोषणा की गई, कि भारत में भी कोरोना ने दस्तक दे दी है। मंत्रालय के अनुसार, देश का यह पहला मामला दक्षिण- पश्चिम भारतीय राज्य, केरल का था, जहां, त्रिशूर में, चीन के वुहान विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र में कोरोना वायरस पाया गया था। राष्ट्रीय वायरोलॉजी संस्थान द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि की गई थी। संक्रमित छात्र को वहीं अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया था।
› वैश्विक महामारी की घोषणा में देरी
इस वक्त तक चीन में हुबेई प्रांत को पूरी तरह से सील किया जा चुका था, जहां से इस वायरस की शुरुआत हुई थी, अधिकांश मौतें भी यहीं हुई थी, जहां यह आंकड़ा उस समय 170 तक पहुंच चुका था। वहीं, इस बात की भी पुष्टि की जा चुकी थी, कि कोरोना वायरस मनुष्य से मनुष्य में फैलता है। चीन के अलावा जर्मनी, जापान, वियतनाम, आदि देशों में भी कोरोना वायरस फैलना शुरू हो गया था, लेकिन इस समय तक इस बीमारी को वैश्विक महामारी घोषित नहीं किया गया था।
› भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते कदम
कोरोना वायरस ने अब भारत में भी महामारी का रूप धारण करना शुरू कर दिया था, कई राज्यों में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए, संक्रामक रोग निवारण कानून 1897 लागू किया जा चुका था। शैक्षणिक संस्थानों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, धार्मिक समारोहों, सिनेमा हॉल, मॉल, आदि अन्य भीड़ भाड़ वाले जगहों को बंद कर दिया गया। इस समय तक, भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के अधिकांश मामले, विदेश यात्रा से संबंधित पाए जा रहे थे, अतः भारत ने सभी तरह के टूरिस्ट वीजा को तत्काल निलंबित करने का निर्णय लिया।
› क्या है कोरोना वायरस की दवाई
कोरोना वायरस बिल्कुल नई तरह की संक्रामक बीमारी है, जिसके लिए अभी तक कोई सटीक दवाई उपलब्ध नहीं है और ना ही कोई टीका बना है, जिससे इस वायरस के संक्रमण को रोका जा सके। विभिन्न दवाओं के प्रयोगात्मक इस्तेमाल द्वारा कोरोना संक्रमण से पीड़ित लोगों का इलाज़ किया जा रहा है, जिसमें मलेरिया की दवाई, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) प्रमुख है। भारत इस दवाई का प्रमुख उत्पादक भी है, जिसे विश्व के तमाम जरूरतमंद देशों को उपलब्ध कराने के कारण, हमारे देश की पूरी दुनिया में काफी प्रशंसा भी हुई है।
→ जानिए प्लाज्मा थेरेपी क्या है और कोरोना वायरस के इलाज में यह कैसे काम करता है
› भारत में कोरोना वायरस की कहानी – जनता कर्फ्यू
21 मार्च को प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा राष्ट्र के नाम संदेश प्रसारित किया गया, जिसमें उन्होंने देश की तमाम जनता से, 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू का पालन करने का आह्वान किया, साथ ही, उसी दिन शाम 7 बजे, अपने घरों के सामने या बालकनी में खड़े होकर, ताली, थाली, शंख, घंटी आदि बजाकर, कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ लड़ने वाले योद्धाओं जैसे, डाक्टरों, नर्सों, अन्य स्वास्थ्य कर्मियों, सुरक्षा कर्मियों आदि, जिन्हें कोरोना वारियर्स कहा गया, उनके प्रति अपना आभार प्रकट करें। इसी तरह, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में तमाम देशवासियों द्वारा एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए, 5 अप्रेल को अपने अपने घरों के बाहर रोशनी करने का आह्वान किया, जिसका सभी देशवासियों द्वारा जोरदार समर्थन किया गया।
› लॉकडाउन क्यों जरूरी है
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने का कोई और उपाय नहीं होने के कारण तमाम देश लॉकडाउन का सहारा ले रहे हैं। लॉकडाउन ने तमाम देशों की अर्थव्यवस्था के विकास की गति को ठप्प कर दिया है, उद्योग-धंधे बंद पड़े हैं, करोड़ों लोगों की नौकरी दाव पर लगी है, इसके बावजूद विभिन्न देशों द्वारा लॉकडाउन में लगातार विस्तार किया जा रहा है। यूरोपीय देशों के नागरिकों ने शुरुआत में लॉकडाउन को गंभीरता से नहीं लिया और अमरीका ने पूर्ण लॉकडॉउन की घोषणा नहीं की जिसका परिणाम आज दुनिया के सामने है। विश्व में सर्वाधिक विकसित चिकित्सा सुविधा होते हुए भी इन देशों में रोज हजारों की संख्या में लोगों की मृत्यु दर्ज की जा रही है।
› भारत में लॉकडाउन की घोषणा
भारत ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन की घोषणा करने में देरी नहीं की और 25 मार्च 2020 को सम्पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई। लॉकडाउन की त्वरित घोषणा का ही असर है कि, भारत कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में काफी हद तक कामयाब रहा है। भारत में लॉकडाउन का अभी तीसरा चरण चल रहा है। लॉकडाउन के विभिन्न चरणों के दौरान, स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर लॉकडाउन की विभिन्न शर्तो में कई तरह के बदलाव भी किए गए हैं।
→ लॉकडाउन 1.0 (25 मार्च 2020 से 14 अप्रेल 2020) के दौरान आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं के अलावा पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की गई थी।
→ लॉकडाउन 2.0 (15 अप्रेल 2020 से 03 मई 2020) के दौरान जहां कुछ सेवाओं में छूट का ऐलान किया गया, वहीं जिन क्षेत्रों में, संक्रमितों की संख्या ज्यादा थी, उन क्षेत्रों को हॉटस्पॉट घोषित कर पूरी तरह से सील किया गया, हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों के अंदर, सभी तरह की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई, आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति भी प्रशासन द्वारा ही सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई।
→ लॉकडाउन 3.0 (4 मई 2020से 17 मई 2020) के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा, देश के अलग-अलग जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति के अनुसार, इन्हें तीन अलग अलग जोन में बांटने का फैसला किया गया, जो हैं – ग्रीन, ऑरेंज, रेड जोन एरिया। 3 मई की स्थिति के अनुसार, 130 जिले रेड जोन, 284 ऑरेंज जोन और 319 जिले ग्रीन जोन में शामिल किए गए।
ग्रीन जोन और ऑरेंज जोन में जहां लॉकडाउन की शर्तों में कई तरह के छूट का ऐलान किया गया है, वहीं रेड जोन एरिया में अधिकांश प्रतिबंध अभी भी जारी रहेंगे।
ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन एरिया में किन किन सेवाओं में छूट का प्रावधान किया गया है, यहां देखें।
गाइडलाइंस के मुताबिक, अभी भी सभी जोन में हवाई यात्रा, रेल, मेट्रो, सड़क मार्ग से एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवेश, स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थान, होटल, रेस्त्रां, सिनेमा हॉल, मॉल्स, स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम, धार्मिक स्थलों पर इकट्ठा होने पर रोक जारी रहेगी। हालांकि, कुछ विशेष उद्देश्यों से वायु, रेल और सड़क मार्ग से आवाजाही हो सकेगी। इसके अलावा, सभी जोन में, गैर जरूरी आवाजाही पर शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे के बीच रोक रहेगी। और, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के बाहर निकलने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दी गई है।