जानिये आकाश नीला क्यों दिखाई देता है
हम सभी एक ही आकाश के नीचे रह रहे हैं और पृथ्वी के लिए आकाश का रंग लाखों वर्षों से समान है। एक स्वच्छ आकाश ज्यादातर समय नीला दिखाई देता है। हालांकि, कभी-कभी आकाश पीले, नारंगी, लाल, बैंगनी, आदि रंगों का दिखाई देता है जिसके बारे में हम नीचे बात करेंगे। लेकिन इससे पहले, हम इस बारे में जानेंगे कि आकाश नीला क्यों दिखाई देता है और इस घटना के पीछे क्या कारण है। यह आपको आकाश के उन विभिन्न रंगों के बारे में समझने में भी मदद करेगा जो सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान देखे जा सकते हैं।
आकाश नीला क्यों दिखाई देता है?
वैज्ञानिकों को यह पता लगाने में बहुत समय लग गया कि आकाश नीला क्यों दिखाई देता है और, आखिरकार हमें इसका कारण पता है। इसे समझने के लिए, पहले आपको पता होना चाहिए कि जो सफेद रोशनी हम देख रहे हैं वह वास्तव में सफेद नहीं है, और इंद्रधनुष के सात अलग-अलग रंगों से बनी है। ये रंग हैं वायलेट, इंडिगो, ब्लू, ग्रीन, येलो, ऑरेंज और रेड। आप (वी-आई-बी-जी-व्हाई-ओ-आर) VIBGYOR शब्द के द्वारा इन रंगों को आसानी से याद रख सकते हैं जहाँ प्रत्येक अक्षर उस रंग को दर्शाता है जिसके साथ वे शुरू होते हैं।
रंग का नाम | तरंग दैर्ध्य / Wave Length (कम से अधिक) | रंग |
बैंगनी | V / वी | |
इंडिगो | I / आई | |
नीला | B / बी | |
हरा | G / जी | |
पीला | Y / व्हाई | |
नारंगी | O / ओ | |
लाल | R / आर |
अब किसी समुद्र के लहरों की कल्पना करें, इसी तरह प्रकाश भी तरंगों (Waves) में यात्रा करता है। हालाँकि, कुछ रंगों की रौशनी में छोटी तरंगें होती हैं जबकि अन्य रंगों की रौशनी में लंबी तरंगें होती है। और, नीली रोशनी छोटी तरंग की श्रेणी में आती है। जबकि, लाल रोशनी की तरंगें (Longer Wave Length) लंबी होती है।
हम जानते हैं कि प्रकाश एक सीधी रेखा में यात्रा करता है, उदाहरण के लिए, वाहन की हेडलाइट से आने वाली प्रकाश की किरण, लेजर या टोर्च से निकलने वाली रौशनी हमेशा एक सीधी रेखा में यात्रा करती है।
लेकिन, कभी-कभी, पर्यावरण में विभिन्न बाधाओं के कारण, प्रकाश:
1. परावर्तित हो जाता है (किसी भी प्रतिबिंबित सतह जैसे शीशे के कारण)।
2. मुड़ जाता है (एक प्रिज्म जैसे बहु कोण रिफ्लेक्टर की उपस्थिति के कारण)।
3. बिखर जाता है (छोटे धूल कणों या गैसों के अणु की उपस्थिति के कारण)।
अब, इन सभी बाधाओं के कारण, पृथ्वी के वायुमंडल में मौजूद विभिन्न गैसों के अणु एवं धूल के कणों के कारण नीली रौशनी हर दिशा में बिखर जाती है। छोटी लहर होने की वजह से, नीली रोशनी किसी भी अन्य प्रकाश की तुलना में अधिक बिखरती है और इस तरह हम सब को आकाश नीला दिखाई देता है। अब आप ये जान चुके हैं की आकाश नीला क्यों दिखाई देता है, और अब हम ये जानते हैं की सूर्यास्त के दौरान आकाश लाल रंग का क्यों दिखाई देता है।
सूर्यास्त लाल क्यों दिखाई देता है?
अब आप सोच रहे होंगे कि अगर नीले रंग के तरंगों (वेव लेंथ) की लंबाई लाल रंग के तरंगों से कम होती है, तो सूर्यास्त के समय आकाश लाल रंग का क्यों दिखाई देता है, नीले रंग का क्यों नहीं। यह एक अच्छा सवाल है और इसका कारण काफी सरल है। सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान, सूरज आकाश में नीचे चला जाता है और सूरज से लाल एवं नारंगी रंग का प्रकाश वातावरण के अधिक सतह क्षेत्र से गुजरता है। यहाँ नीला रंग तो आकाश में मौजूद छोटे कणों के कारण बिखर ही रहा है, लेकिन सूर्य के आकाश में नीचे होने के कारण, एवं ज्यादा गाढ़ा रंग होने की वजह से वातावरण में लाल और नारंगी रंग की रौशनी आसानी से नीले रंग पर हावी हो जाती है और हमें सूर्यास्त के दौरान आकाश का रंग नारंगी या लाल दिखाई देता है।
निष्कर्ष
इस लेख में हमने सीखा कि आकाश नीला क्यों दिखाई देता है। साथ ही हमने इस घटना के वैज्ञानिक पहलु के बारे में भी जाना। हमने यह भी सीखा कि सूर्यास्त या सूर्योदय के दौरान आकाश लाल क्यों दिखाई देता है। हमने इस घटना को बहुत ही सरल तरीके से समझाया है और आशा करते हैं कि अब आपके मन का ये सवाल दूर हो गया होगा।

